हमारा हाल चाल अच्छा है |
किसी का ये ख़याल अच्छा है ||
सभी को लाजवाब कर डाला |
किया उसने सवाल अच्छा है ||
अभी भी लोग एसा सोचते हैं |
तेरा हुस्न-ओ-जमाल अच्छा है ||
पसीना आ रहा है पोंछ लीजे |
मियाँ लेलो रुमाल अच्छा है ||
दिलों पे डांके डाल लेते हो |
तुम्हारा ये कमाल अच्छा है ||
डा० सुरेन्द्र सैनी
वो जिसका क़ायदा क़ानून सारा छूट जाता है |
उसीका घर कईं हिस्सों में इक दिन टूट जाता है ||
सताती इस तरह माँ बाप को औलाद नालायाक |
सड़क पर रोड रोलर जैसे पत्थर कूट जाता है ||
मिला है जो नसीबों से हिफ़ाज़त से उसे रखो |
मुक़द्दर पावँ के छालों सा अक्सर फूट जाता है ||
मसीहा बनके लोगों से कराता है क़दमबोसी |
यकायक वो शराफ़त से सभी को लूट जाता है ||
सियासत मैकशी या इश्क़ का जिसको लगे चस्का |
फ़लाना ये फ़लाना वो सभी कुछ छूट जाता है ||
डा० सुरेन्द्र सैनी
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