यूँ मनचाही ज़माने में कभी चाहत नहीं मिलती |
कभी सूरत नहीं मिलती कभी सीरत नहीं मिलती ||
सभी तेरी तरह यूँ बेतकल्लुफ़ तो नहीं होते |
सभी कुछ सामने रखने से भी इज़्ज़त नहीं मिलती ||
अजब दस्तूर है हम काम की क़ीमत लगाते हैं |
किसी के काम की उसको कभी उजरत नहीं मिलती ||
जवानी जी रही है आज खा - खाकर के चाऊमिन |
अगरचे पेट तो भरता है पर ताक़त नहीं मिलती ||
अचानक मिल गई शोहरत तो है कुछ दाल में काला |
अचानक मिल गई शोहरत तो है कुछ दाल में काला |
सदा ईमानदारों को बड़ी दौलत नहीं मिलती ||
संवरने का हो जब मौक़ा संवरना उस घड़ी अच्छा |
निकल जब वक़्त जाता है तो फिर ज़ीनत नहीं मिलती ||
बुलाने मौत जब आई तो झट से चल दिये संग में |
कहाँ तो रोज़ कहते थे हमें फ़ुरसत नहीं मिलती ||
ज़माने की अदालत माफ़ कर देगी गुनाहों को |
ख़ुदा की उस अदालत में कभी राहत नहीं मिलती ||
डा० सुरेन्द्र सैनी
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